
#75 (हिंदी प्रकाशन)
अक्टूबर, ‘जॉय ऑफ शेयरिंग’ का महीना उन कहानियों का है जहाँ
लोगों ने साथ आकर सहयोग और साझा करने की खुशी को जिया।
अक्टूबर का महीना गूंज की “साथ मिलकर करने” भावना को और गहराई से जीने का समय बना। देश के अलग-अलग शहरों में हज़ारों लोग “जॉय ऑफ शेयरिंग के महीने में” और “दान उत्सव” के दौरान एक साथ जुड़े। 50 से ज़्यादा शहरों में 500 से भी अधिक लोगों ने मिलकर करीब 600 जगह कलेक्शन कैंप लगाए। शहरों में रहने वाले कई लोगों ने गाँव में रहने वाले साथियों के लिए ज़रूरी चीज़ें जुटाईं, ताकि उनकी कुछ ज़रूरतें पूरी हो सकें और जीवन थोड़ा आसान बने।
“इस सर्दी ‘ओढ़ा दो ज़िंदगी’
अपने साथी नागरिकों के लिए ऊनी कपड़े निकालने के बारे में आप क्या सोचते हैं?

ठंड बढ़ने लगी है – अब समय है अपने गर्म कपड़े निकालने का। गूंज का वार्षिक अभियान ‘ओढ़ा दो ज़िंदगी’ हमें यह मौका देता है कि हम अपने घर में रखे ऊनी कपड़े – जैसे कंबल, शॉल, मोज़े, मफलर, तिरपाल, जूते आदि साझा करें, ताकि सर्दी की मार झेल रहे लोगों तक गर्माहट और देखभाल के लिए ये सामान पहुँच सके। इस बार कड़ी ठंड पड़ने की संभावना है। याद रखें — ठंड नहीं मारती, कपड़ों की कमी मारती है।
जुड़े रहिए, जल्द ही जानिए कैसे आप भी सोच-समझकर सहयोग करने वाले इस अभियान का हिस्सा बन सकते हैं।
सफ़रनामा: हमारे वालंटियर्स की कहानियाँ
‘सफ़रनामा’ के दूसरे भाग में हमारे वालंटियर्स ने अपने अनुभव और कहानियाँ साझा की हैं — ताकि लोग उनसे प्रेरित हो और नेक काम करने वालों का एक मज़बूत समुदाय पूरे देश में बन सके।
आपदा राहत कार्य का अपडेट
इस साल की बाढ़ कई महीनों तक चली। गूंज द्वारा चलाए जा रहे राहत के काम अप्रैल 2025 से लगातार जारी है। अब तक हम 21 राज्यों और 85 से ज़्यादा ज़िलों में पहुँच चुके हैं और 55,000 से ज़्यादा राहत किटें ज़रूरतमंद लोगों तक पहुँचा चुके हैं।
हमारी टीमों और स्थानीय साथियों ने मिलकर बाढ़, भूस्खलन और मौसम की दूसरी चुनौतियों के बीच भी लगातार काम किया — ताकि समय पर, सम्मानजनक तरीके से राहत कार्य और दीर्घकालिक पुनर्वास एवं विकास कार्य सुनिश्चित हो सके।
आगामी कार्यक्रम
ऐसे सार्थक संवादों के लिए जुड़े रहें जो जुड़ाव और पहल की कहानियों का उत्सव मनाते हैं:
19 नवंबर – जागृति यात्रा
भारत के अलग-अलग हिस्सों से आए 500 से ज़्यादा परिवर्तनकारी युवाओं के साथ एक सीख और अनुभव से भरी यात्रा, जहाँ सभी मिलकर जानेंगे कि कैसे उद्यमिता के ज़रिए समाज में सबके लिए नए अवसर बनाए जा सकते हैं। गूंज इस दौरान यात्रियों का स्वागत करेगा और एक खास सीखने और अनुभव साझा करने के लिए सत्र आयोजित करेगा।
22 से 24 नवंबर – गाजीपुर साहित्य महोत्सव
अंशु गुप्ता जी (गूंज और ग्राम स्वाभिमान के संस्थापक) इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहाँ देशभर के लेखक और कहानीकार एक साथ आएंगे, शहर और गाँव के बीच जुड़ाव पर बात होगी, और ऐसी कहानियाँ साझा की जाएंगी जो सबको जोड़ती हैं।
28 से 30 नवंबर – आपदा प्रबंधन पर विश्व शिखर सम्मेलन, देहरादून में।
गूंज एक पैनल चर्चा के साथ “आपदाएँ: मिथक और हकीक़त” नाम की एक व्यापक प्रदर्शनी पेश करेगा। इस प्रदर्शनी के ज़रिए सामुदायिक आवाज़ों और आपदाओं के प्रति लचीलापन (resilience) और प्रतिक्रिया की सोच को, सामाजिक गठबंधन (SARRD) फ्रेमवर्क के माध्यम से, वैश्विक दर्शकों के सामने लाया जाएगा।


















