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बुंदेलखंड के एक गाँव ने अपनी मेहनत से बनाया … तालाब के भीतर तालाब

बुंदेलखंड के एक गाँव ने अपनी मेहनत से बनाया … तालाब के भीतर तालाब

बुंदेलखंड के एक गाँव ने अपनी मेहनत से बनाया … तालाब के भीतर तालाब

ये कहानी है बुंदेलखंड के ललितपुर जिले के एक छोटे से गाँव महौली की हैं , जहाँ गाँव के एक तालाब के सूख जाने के बाद गाँव वालों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ा | ये बात उस वक़्त रौशनी में आई ,जब गूँज की टीम ने इस गाँव का दौरा किया | पानी की कमी से न केवल गाँव वाले परेशान थे बल्कि इसका असर उनके मवेशियों पर भी पड़ रहा था | एक ग्रामीण ने कहा कि ” इस समय हम खुद के लिए तो पानी जुटा नहीं पा रहे हैं , अपने पशुओं के लिए कहाँ से लायेंगें | ”

ये कहानी केवल बुंदेलखंड की नहीं है, गूँज इसी तर्ज पर पिछले २० सालों से गाँवों के बुनियादी विकास से जुड़े उपेक्षित मुद्दों पर काम कर रहा है | गूँज टीम ने जब इस समस्या को समझते हए गाँव वालों के साथ बात की तब गाँव वालों ने सूखे पड़े अपने तालाब पर काम करना शुरू किया | संस्था के “क्लॉथ फॉर वर्क” अभियान के तहत 75 परिवारों की 4 दिन की कड़ी महेनत के बाद तालाब में पानी आने लगा, जिसे देखकर गाँव वालों के चेहरे खिल उठे I सभी चकित थे कि ये कैसे हो गया | गूँज ने सबके परिश्रम को सराहते हुए हर परिवार को एक -एक फैमिली किट दी जिसे पाकर गाँव वालों का हौसला बढ़ाI एक ग्रामीण बोला ” अब हम इस तालाब को दुबारा सूखने नहीं देंगें और अगर ये तालाब सूख भी गया, तो हम इसी तरह मिलकर अपनी मेहनत से इसे फिर से ठीक कर लेगें | ”

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